The Shodashi Diaries

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The Mahavidyas absolutely are a profound expression in the divine feminine, Each and every representing a cosmic function and also a path to spiritual enlightenment.

This classification highlights her benevolent and nurturing facets, contrasting Together with the fierce and moderate-fierce natured goddesses in the group.

चक्रेशी च पुराम्बिका विजयते यत्र त्रिकोणे मुदा

॥ अथ त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः ॥

The supremely gorgeous Shodashi is united in the guts on the infinite consciousness of Shiva. She gets rid of darkness and bestows mild. 

He was so effective that he manufactured your complete globe his slave. Sage Narada then requested the Devas to conduct a yajna and within the fireplace from the yajna appeared Goddess Shodashi.

हरार्धभागनिलयामम्बामद्रिसुतां मृडाम् ।

देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं

It's want that turns the wheel of karma,  Which holds us in duality.  It truly is Shodashi who epitomizes the  burning and sublimation of such wants.  It is she who allows the Performing outside of previous  karmic designs, bringing about emancipation and soul click here liberty.

देवस्नपनं उत्तरवेदी – प्राण प्रतिष्ठा विधि

लक्ष्मी-वाग-गजादिभिः कर-लसत्-पाशासि-घण्टादिभिः

शस्त्रैरस्त्र-चयैश्च चाप-निवहैरत्युग्र-तेजो-भरैः ।

इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१०॥

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