Shodashi - An Overview
Wiki Article
Inspiration and Empowerment: She's a image of power and courage for devotees, specifically in the context in the divine feminine.
सा नित्यं रोगशान्त्यै प्रभवतु ललिताधीश्वरी चित्प्रकाशा ॥८॥
Shodashi is noted for guiding devotees towards bigger consciousness. Chanting her mantra encourages spiritual awakening, encouraging self-realization and alignment Together with the divine. This gain deepens internal peace and wisdom, producing devotees a lot more attuned to their spiritual objectives.
कन्दर्पे शान्तदर्पे त्रिनयननयनज्योतिषा देववृन्दैः
षोडशी महाविद्या : पढ़िये त्रिपुरसुंदरी स्तोत्र संस्कृत में – shodashi stotram
An early morning bath is taken into account essential, accompanied by adorning fresh new dresses. The puja place is sanctified and decorated with bouquets and rangoli, creating a sacred Place for worship.
यह शक्ति वास्तव में त्रिशक्ति स्वरूपा है। षोडशी त्रिपुर सुन्दरी साधना कितनी महान साधना है। इसके बारे में ‘वामकेश्वर तंत्र’ में लिखा है जो व्यक्ति यह साधना जिस मनोभाव से करता है, उसका वह मनोभाव पूर्ण होता है। काम की इच्छा रखने वाला व्यक्ति पूर्ण शक्ति प्राप्त करता है, धन की इच्छा रखने वाला पूर्ण धन प्राप्त करता है, विद्या की इच्छा रखने वाला विद्या प्राप्त करता है, यश की इच्छा रखने वाला यश प्राप्त करता है, पुत्र की इच्छा रखने वाला पुत्र प्राप्त करता है, कन्या श्रेष्ठ पति को प्राप्त करती है, इसकी साधना से मूर्ख भी ज्ञान प्राप्त करता है, हीन भी गति प्राप्त करता है।
The above one just isn't a Tale but a legend and also a simple fact as the man or woman blessed by Sodhashi Tripur Sundari, he becomes the regal man or woman. He achieves almost everything because of his knowledge, desire and workmanship.
The Shodashi Mantra is a 28 letter Mantra and so, it is without doubt one of the most straightforward and best Mantras that you should recite, recall and chant.
हस्ते पाश-गदादि-शस्त्र-निचयं दीप्तं वहन्तीभिः
Goddess also has the name of Adi Mahavidya, meaning the complete Edition of truth. In Vedic mantras, she is called the Goddess who sparkles with the beautiful and pure rays from the Solar.
The world, being a manifestation of Shiva's consciousness, holds The important thing to liberation when a person realizes this elementary unity.
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं तां वन्दे सिद्धमातृकाम् ॥५॥
यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त more info होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।